गायत्री मंत्र बहुत ही सिद्ध और शक्तिशाली मंत्र है। कुछ लोग इसकी महत्ता को समझ नहीं पाते और इस पर उंगली उठाते हैं, वहीं पर कुछ लोग अज्ञानता बस इस मंत्र का उपहास भी करते हैं क्योंकि उन्होंने इस मंत्र के बारे में अपनी एक धारणा बना रखी है कि इससे कुछ नहीं होता। यह पोस्ट खासकर उन लोगों के लिए है जो गायत्री मंत्र के महत्व को नहीं समझ पाए आज इस पोस्ट के माध्यम से मैं आपको गायत्री मंत्र के बारे में कुछ अनसुनी और विचित्र बातें बताऊंगा जो इस मंत्र के प्रति आपका नजरिया बदल कर रख देगा। हम आपसे विनती करते हैं की या पोस्ट पढ़ने के बाद आप हमें कमेंट करके अपने विचार जरूर बताएं ।

दोस्तो आप में से बहुत से लोग जानते होंगे गायत्री मंत्र हजारों साल पुराने ऋग्वेद से लिया गया है, तथा कई उपनिषदों और शास्त्रों में गायत्री मंत्र को बहुत ही शक्तिशाली और तेज को बढ़ाने वाला मंत्र माना गया है। इस मंत्र की रचना ऋषि विश्वामित्र द्वारा त्रेता युग में किया गया था। इस मंत्र में ईश्वर का ध्यान करते हुए यह प्रार्थना की गई है की ईश्वर हमें योग्य मार्ग दिखाएं और सच्चाई की ओर ले जाए दुनिया के कई वैज्ञानिक और हमारे देश के वह लोग जो मंत्रों पर रिसर्च करते हैं उन लोगों ने ऋग्वेद के गायत्री मंत्र को सबसे प्रभावशाली मंत्र माना है इस मंत्र का सबसे ज्यादा प्रभाव हमारे दिमाग पर पड़ता है विद्यार्थियों के लिए यह मंत्र बहुत ही प्रभावशाली है इससे उनका दिमाग बहुत तेज होता है। लेकिन इस बात से बहुत लोग सहमत नहीं हैं लेकिन अखिल भारती आयुर्विज्ञान संस्थान ने इस पर रिसर्च किया जो की सन 1998 से चल रहा था । इस रिसर्च में सबसे पहले 25 से 30 वर्ष के लोगों पर यह प्रयोग किया गया और इसके बाद 5 वर्षों तक इसके परिणामों पर अध्ययन किया गया इस रिसर्च के लिए लोगों को दो हिस्सों में बांटा गया था पहले ग्रुप के लोगों ने हर रोज 108 बार मन ही मन गायत्री मंत्र का जाप किया। और दूसरे ग्रुप में गायत्री मंत्र का जाप नहीं किया। जिन लोगों ने गायत्री मंत्र का पाठ किया था उन लोगों के दिमाग में गाबा नाम का हारमोंस बढ़ने लगा था।

आपको बताते चलें की गाबा नामक हारमोंस की कमी से मानव के अंदर चिड़चिड़ापन, अनिद्रा और डिप्रेशन जैसी भयानक बीमारियां उत्पन्न होती हैं। गायत्री मंत्र का पाठ करने वाले लोगों का 5 हफ्तों तक एमआरआई भी किया गया। जिसका नतीजा यह निकला इनका दिमाग बहुत ही शांत और जागृत हो चुका था। हमारे दिमाग का एक हिस्सा होता है, जिसे प्रिंफ्रंटल कोरटेक्स कहा जाता है। जिसका काम होता है चीजों को अनुशासित ढंग से करना, कोई फैसला लेना तथा किसी समस्या का समाधान निकालना और हमेशा चौकन्ना रहना।

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान मे किए गए शोध के अनुसार एक आश्चर्यजनक निष्कर्ष सामने आया है की गायत्री मंत्र के रोजाना पाठ करने से हमारे दिमाग के प्रिंफ्रंटल कोरटेक्स मे खून का बहाव सुचारू रूप से होने लगता है जिससे हमारे दिमाग में सकारात्मक ऊर्जा का बहाव होने लगता है। जिसे चिकित्सा की भाषा में न्यूरोप्लास्टिसिटी कहा जाता है। ऐसा नहीं है कि गायत्री मंत्र पर रिसर्च भारतीय वैज्ञानिक या चिकित्सक ही कर रहे हैं गायत्री मंत्र अपनी शक्ति का एहसास पूरी दुनिया को करा रहा है। जर्मनी के हैमबर्ग विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक भी गायत्री मंत्र पर शोध कर चुके हैं और अमेरिका के वैज्ञानिक डॉक्टर हावर्ड स्ट्रैंड गिल ने दुनिया भर से मंत्रों को इकट्ठा करके उनकी प्रयोगशाला में जांच की जिसमें उन्होंने पाया कि गायत्री मंत्र से प्रति सेकंड 110000 यूज निर्माण होती है इस प्रयोग में गायत्री मंत्र सबसे ज्यादा प्रभावशाली मंत्र साबित हुआ। यह सब बात जाने के बाद हम यह निश्चित रूप से कह सकते हैं कि गायत्री मंत्र से इंसान की बौद्धिक क्षमता में अनंत विस्तार किया जा सकता है जिसका दावा बड़े-बड़े वैज्ञानिकों ने किया है सूत्रों के मुताबिक अगर नियम बनाकर नियमित रूप से गायत्री मंत्र का उच्चारण किया जाए,तो यह दिमाग की चेतनाओं को सीमाओं के परे ले जाकर जगा सकता है।अगर आपको हमारी यह जानकारी अच्छी लगी है तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं तथा कमेंट में जय मां गायत्री लिखना ना भूले हम आपकी प्रतिक्रिया का प्रतीक्षा करेंगे। धन्यवाद
हर हर महादेव जय महाकाल
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