भीम शंकर ज्योतिर्लिंग कथा हिंदी में Bhimashankar jyotirlinga history and story in hindi - Mahakal Vaani a simple steps to achieve happiness according to lord shiva.

ॐ नमः शिवाय

Sunday, 25 November 2018

भीम शंकर ज्योतिर्लिंग कथा हिंदी में Bhimashankar jyotirlinga history and story in hindi

Bhimashankar jyotirlinga history and story in hindi, jyotirlinga in maharashtra,mallikarjuna jyotirlinga,12 jyotirlinga mantra,jyotirlinga story,12 jyotirlinga images,jyotirlinga temples list

Kedarnath jyotirlinga history and story in hindi, jyotirlinga in maharashtra,mallikarjuna jyotirlinga,12 jyotirlinga mantra,jyotirlinga story,12 jyotirlinga images,jyotirlinga temples list

भीम शंकर ज्योतिर्लिंग कथा हिंदी में

आज हम आपको अपने ब्लॉग पोस्ट के माध्यम से 12 ज्योतिर्लिंग में से छठे में ज्योतिर्लिंग के बारे में बताएंगे इस ज्योतिर्लिंग का नाम भीम शंकर ज्योतिर्लिंग है भीम शंकर ज्योतिर्लिंग से संबंधित भारत में दो जगह एक महाराष्ट्र के पुणे में तथा दूसरा कामरूप जिले में स्थित है आसाम प्राचीन काल में कामरूप के नाम से जाना जाता था महापुराण के कोटि रुद्र संहिता संहिता में भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग को कामरूप देश में ही स्थित माना गया है बहुत समय पहले भीम नाम का एक राक्षस था वह अपनी माता करकटी के साथ अकेला रहता था बड़े होने पर उसने अपने माता से पूछ लिया कि उसके पिता कौन है और कहां है इस पर उसके बताया कि तुम्हारे पिता महाबली कुंभकरण है और राम ने तुम्हारे पिता का वध कर दिया और उनसे पहले मेरे पति विराध थे उनका विवाह श्री राम नहीं किया था उनकी मृत्यु के बाद में अपने माता पिता के साथ रहने लगी एक दिन उन्होंने अगस्त मुनि के शिष्य को अपना हार बनाना चाहा तो उस विष्णु भक्त शिष्य ने माता पिता को भस्म कर डाला उसके बाद में एकांत में किस पर्वत पर रहने लगी अपने पिता और परिवार जनकी क्यों का पता चलने के बाद वह का बदला देवताओं और भगवान विष्णु से लेना चाहा भीम ने ब्रह्मा जी की 1000 वर्षों तक तपस्या की उनसे बहुत ताकतवर होने का वरदान प्राप्त कर लिया के बाद उसने इंद्र सहित सभी देवताओं को प्राप्त किया और भगवान विष्णु को भी युद्ध में हरा दिया फिर उसने पृथ्वी को जीतना आरंभ किया और उसने सबसे पहले कामरूप देश के राजा सुरक्षित के राज्य पर हमला किया और उसे हराकर कारागार में बंदी बना लिया महाराज सुरक्षित भगवान शिव के बहुत बड़े भक्त थे उन्होंने कारागार में ही अगर उनका भजन पूजन करने लगा जब भीम नहीं है देखा तो राजा के द्वारा बनाए गए शिवलिंग को अपने अस्तर से तोड़ने का प्रयत्न किया ऐसा करने पर शिवलिंग से प्रगट हो गए और उन्होंने अपने दिनांक धनुष से उसके तलवार के दो टुकड़े कर दिए और फिर भगवान शिव ने उसे अपनी हुंकार मात्र से ही भस्म कर डाला तब ऋषि और देवताओं ने भगवान शिव से वहीं पर हमेशा के लिए वहीं पर रहने की प्रार्थना की सब के कहने पर भगवान शिव वहीं पर शिवलिंग में स्थापित हो गए इस स्थान पर भीम से युद्ध करने के कारण इस शिवलिंग का नाम भीम शंकर पड़ गया।


                                                    ॐ हर हर महादेव जय महाकाल ॐ
सोमनाथ ज्योतिर्लिंग कथा Click here
मलिकार्जुन ज्योतिर्लिंग कथा Click here
महाकाल ज्योतिर्लिंग कथा  Click here
ओम्कारेश्वर ज्योतिर्लिंग कथा  Click here
केदारनाथ ज्योतिर्लिंग कथा  Click here
भीम शंकर ज्योतिर्लिंग कथा   Click here
काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग कथा Click here
त्रयंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग कथा   Click here
वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग कथा Click here
नागेश्वर ज्योतिर्लिंग कथा Click here
डाउनलोड महाकाल वाणी मोबाइल ऐप्प Click Here 

No comments:

Post a Comment