मलिकार्जुन ज्योतिर्लिंग कथा हिंदी में Mallikarjuna Jyotirling History and Story in Hindi - Mahakal Vaani a simple steps to achieve happiness according to lord shiva.

ॐ नमः शिवाय

Sunday, 25 November 2018

मलिकार्जुन ज्योतिर्लिंग कथा हिंदी में Mallikarjuna Jyotirling History and Story in Hindi

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मलिकार्जुन की कथा

यह ज्योतिर्लिंग आंध्र प्रदेश के श्री शैलम नामक स्थान पर स्थित है शिव पुराण के कोटिरुद्रसंहिता में उल्लेख मिलता है इस ज्योतिर्लिंग की कथा इस प्रकार है कि एक बार भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र और गणेश और कार्तिकेय विवाह को लेकर आपस में कलर करने लगे इसके निवारण हेतु वह दोनों लोग भगवान शिव और माता पार्वती के पास पहुंचे फिर भगवान शिव कहा कि तुम दोनों में से जो इस पृथ्वी का चक्कर लगाती पहले यहां आएगा यह सुनते ही कार्तिकेय जी पृथ्वी की परिक्रमा करने निकल पड़े परंतु गणेश वहीं पर खड़े रहे गणेश जी और उनका वाहन चूहा यह बात जानते थे कि वह पृथ्वी का चक्कर नहीं लगा सकते भगवान गणेश उनका वाहन चूहा भले ही धीमी चाल चले लेकिन उनकी बुद्धि बहुत ही तेज थी भगवान गणेश ज्ञान के सागर है उन्होंने कुछ सोच विचार किया अपने माता पिता से आसन पर बैठने के लिए कहा गणेश जी ने 7 बार परिक्रमा की माता-पिता की परिक्रमा कर पृथ्वी की परिक्रमा से प्राप्त होने वाले फल की प्राप्ति की बुद्धि देखकर शिव और पार्वती दोनों प्रशन हुए और उन्होंने गणेश जी का विवाह भी करा दिया जब कार्तिकेय संपूर्ण पृथ्वी की परिक्रमा करके वापस आए तू यह दृश्य देखकर बहुत ही दुखी हुए और फिर अपने माता पिता का चरण छूकर वहां से चले गए माता-पिता से अलग होकर कार्तिकेय क्रौंच पर्वत पर जाकर रहने लगे भगवान शिव और पार्वती कार्तिकेय को समझा बुझाकर वापस लाने के लिए नारद जी को क्रौंच पर्वत पर भेजा तब देवर्षि नारद ने बहुत प्रकार से आरती की को मनाने की कोशिश की किंतु कार्तिकेय वापस नहीं आए इसके कुछ समय पश्चात माता पार्वती पुत्र वियोग में व्याकुल हो उठी वह भगवान शिव को लेकर पर्वत पर चली गई इधर कार्तिकेय को माता पिता के आगमन की सूचना मिल गई और वह वहां से 12 कोस दूर चले गए कार्तिकेय के चले जाने पर उस क्रौंच पर्वत पर ज्योतिर्लिंग के रूप में विराजमान हो गए तभी से वह मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग के नाम से प्रसिद्ध हुए मल्लिका माता पार्वती का नाम है अर्जुन भगवान शिव कहा जाता है इस तरह से मलिकार्जुन नाम से ज्योतिर्लिंग सिद्ध हुआ यही एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां माता सती के अवशेष गिरे हैं यह स्थान ज्योतिर्लिंग भी है और शक्तिपीठ भी है

                                                                       ॐ हर हर महादेव जय महाकाल ॐ  
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