महाकाल ज्योतिर्लिंग कथा हिंदी में Mahakaleshwar Jyotirlinga History and Story in Hindi - Mahakal Vaani a simple steps to achieve happiness according to lord shiva.

ॐ नमः शिवाय

Sunday, 25 November 2018

महाकाल ज्योतिर्लिंग कथा हिंदी में Mahakaleshwar Jyotirlinga History and Story in Hindi

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महाकाल ज्योतिर्लिंग कथा

शिव महापुराण के कोटि रुद्र संहिता के 16 अध्याय में सूत जी महाराज द्वारा किया गया है कथा के अनुसार अवंती नगरी जिसे आज हम उस उज्जैन के नाम से जानते हैं वहां पर विद प्रिय नामक ब्राम्हण रहा करते थे वे अपने घर में अग्नि की स्थापना कर अग्नि होत्र  किया करते थे और प्रतिदिन पार्थिव शिवलिंग की स्थापना कर उसकी पूजा करते थे उस ब्राह्मण के चार पुत्र थे जिनके नाम थे देवप्रिय प्रिया मेधा संस्कृत सुब्रत विसबी तेजस्वी माता पिता के गुणो के अनुरूप थे उन्हीं दिनों में रत्न माल पर्वत पर दूषण नामक एक असुर ने ब्रह्मा से अजय अता का वर प्रदान प्राप्त कर लिया था सब को सताने के बाद उस असुर ने अपनी भारी सेना लेकर अवंती नगरी पर चढ़ाई कर दी पूछ असूल की आज्ञा से चार भयानक राक्षस चारों दिशाओं में प्रगट हो गए उनके भयानक आक्रमण से भी चार ब्राम्हण पुत्र भयभीत नहीं हुए और भगवान शिव का गुणगान करते रहे उसके बाद ऊंचार ब्राह्मण बंधु भगवान शिव की आराधना करने लगे सेना सहित दूषण ध्यान मग्न चारों भाइयों के पास पहुंच गया उन चारों को पूजा करते हुए देख कर गुस्से में बोला यह बांधकर मार डालो वेद प्रिय के उस ब्राह्मण पुत्रों ने उस राक्षस के द्वारा बात पर ध्यान नहीं दिया उसने जैसे ही मुझे मारने के लिए हथियार उठाया क्यों ही शिवलिंग के स्थान पर भयानक गड्ढा हो गया और तत्काल ही वहां पर विकट रूप लिए भगवान शिव प्रकट हो गए दुष्टों के विनाश करने वाले और सज्जन की रक्षा करने वाले भगवान शिव ही इस पर पृथ्वी महाकाल के रूप में विख्यात हुए और उन्होंने दूषण से कहा कि तुम जैसे दोस्तों के लिए ही मैं महाकाल रूप में प्रकट हुआ हूं इस प्रकार के होते हुए भागवत महाकाल अपने हुंकार मात्र से ही उसका संहार किया यह गीत दूषण की सेना वहां से भाग खड़ी हुई ब्राह्मण पुत्रों से भगवान शंकर अति प्रसन्न हुए और उन्हें आश्वस्त करते हुए कहा कि मैं महेश्वर तुम लोगों से प्रसन्न हूं मुझसे वर मांगो तब उन्होंने कहा भगवान हमें मोक्ष प्रदान करें और सभी की रक्षा के लिए हमेशा के लिए यही विराजे भगवान शंकर ब्राह्मण पुत्रों को मोक्ष प्रदान कर वहीं पर विराजमान हो गए ऐसी भगवान शिव इस पृथ्वी पर महाकाल के रूप में प्रसिद्ध हुए।

                                                      ॐ हर हर महादेव जय महाकाल ॐ 
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